Monday, August 12, 2013


बेटियाँ तो सुकून होती हैं, अपने पापा का गर्व होती हैं,
मेरी गुड़िया, मेरे दिल की हर बात जानती है,
मेरे घर पर अाते ही, मैरे क़दमों की आहट को पहचानती है,
गोदी में बैठ कर, वह मुझे अपनी नन्ही नन्ही कहानी जो सुनाती है,
मेरी दिन भर की पूरी थकान छू मंतर हो जाती है  ़

बेटियाँ तो सुकून होती हैं, अपने पापा का गर्व होती हैं, 
उसकी हर ज़िद, छोटी छोटी ख़्वाहिशें को पूरा करना चाहता हूँ,
उसने जो बातें कही भी नही, हर वो बात को समझना चाहता हूँ,
उसके पास हैं बहुत सवाल, सबका जवाब देना चाहता हूँ, 
स्वार्थ है इसमें मेरा, बेटी के साथ पूरेदिन रहना चाहता हूँ  ़

बेटियाँ तो सुकून होती हैं, अपने पापा का गर्व होती हैं, 
मुझे लगता है, वो हर दिन बढ़ी हो रही है, 
बचपन को पीछे छोड़ रही है,
उसकी मासुमीयत अब धीरे धीरे समझदारी में बदल रही है, 
क्योंकि अब उसके सवालों में से नादानियाँ दूर हो रही हैं  ़

बेटियाँ तो सुकून होती हैं, अपने पापा का गर्व होती हैं, 
अब उसकी परवरीश पर पूरा ध्यान दे रहा हूँ,
उसकी सहेलियाँ तो वो ही चूनेगी, पर अच्छी संगती क्या होती है,
उसका पूरा ज्ञान दे रहा हूँ ़ ़

मेरी लाड़ली, मेरी हर ख़ुशी का कारण बन गयी है,
अब अपने पापा की सबसे बड़ी फ़ैन जो बन गयी है  ़
बेटियाँ तो सुकून होती हैं, अपने पापा का गर्व होती हैं  ़

                                                     - विशाल मारू

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